नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुस विलमोर बुधवार 19 मार्च को धरती पर लौटेंगे सुनीता और बुस विलमोर का यह सफर करीब 17 घंटे का होगा |

एस्ट्रोनॉट स्पेस कैप्सूल में समंदर में लैंड करेंगे| इस कैप्सूल को खोलने के बाद एस्ट्रोनॉट को स्ट्रेचर पर लाया जाएगा | दरअसल स्पेस में महीना बीतने के बाद एस्ट्रोनॉट्स अचानक चल नहीं सकते | उनके शरीर में कई बदलाव भी हो जाते हैं, जिससे बैलेंस और मसल्स पर असर पड़ता है | दरअसल धरती पर ग्रेविटी हमारे शरीर को कंट्रोल में रखती है लेकिन स्पेस में ऐसा नहीं होता इसलिए जब सुनीता विलियम्स और बुस विलमोर धरती पर आएंगे तो उन्हें स्ट्रेचर पर रखा जाएगा |

सुनीता विलियम्स कौन है
सुनीता विलियम्स एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और पूर्व यूएस नेवी ऑफिसर है | वह इतिहास की सबसे अनुभवी स्पेस होकर में से एक है | उन्होंने कुछ दिन ही नहीं बल्कि महीनों स्पेस में गुजरे हैं और कई स्पेस वाॅक की है | यहां तक की स्पेस में मैराथन दौड़ भी की है | 19 सितंबर 1965 को जन्मी सुनीता विलियम का करियर का कैरियर नवी और नासा दोनों में ही प्रेरणादायक रहा है | स्पेस के लिए अपने लगन और साहस और उपलब्धियां के लिए विख्यात सुनीता विलियम्स का भारत से गहरा नाता है |

सुनीता विलियम्स का शुरुआती जीवन
सुनीता विलियम्स सुनीता विलियम्स का जन्म अमेरिका के ओहियो स्थित यूक्लिड में हुआ था , और वहां एक अमेरिकन नागरिक है | उनके पिता दीपक पांडे एक न्यूरो एनाटॉमिस्ट के रूप में काम करते थे | दीपक पांडे गुजरात के मेहसाणा जिला के झुलासन में पैदा हुए थे , इसलिए इस लिहाज से देखे तो सुनीता विलियम्स का मूल गांव झुलासन है |™
सुनीता विलियम्स का जन्म 19 सितंबर 1965 को हुआ था इस लिहाज से फिलहाल वह 59 साल की है